अक्सर शरीर में कोई भी विकार हमें चिंतित कर सकता है। स्तन की गांठ हमेशा कैंसर नहीं होती,...
स्तन में गांठ स्तन में कोशिकाओं की वृद्धि या विकसित होता है। स्तन में विकसित होने वाली ज़्यादार गांठे कैंसर के कारण नहीं होती इनमे 10 में से 8 गांठ कैंसर मुक्त होती है। महिलाओं के स्तन में अगर गांठ हो जाएं, तो उनके मन में ये डर बैठ जाता है कि ये कैंसर से संबंधित है। स्तन में किसी भी प्रकार की गांठ का पाया जाना हमेशा स्तन कैंसर का संकेत नहीं हो।
स्तन में गांठ के प्रकार
स्तन में गांठ (Breast Lump) कैंसर हो सकती है और कैंसर रहित भी हो सकती है। स्तन में आम तोर पर गांठ होती हैं जिसे एल्वेओलइ कहते हैं। शरीर की कोशिकाओं बनाई गयी किसी भी गांठ मुलायम या सख्त या किसी भी प्रकार की गांठ को तकनीकी रूप से ट्यूमर कहा जाता है। लेकिन सभी ट्यूमर कैंसर नहीं होते न ही घातक होते। अधिकांश स्तन गांठ (लगभग 80%) सौम्य या नॉन सांसरस/गैर-कैंसर होती हैं।
स्तन में गांठ के कई प्रकार हो सकते हैं जो निचे दिए गए हैं -
- फाइब्रोएडीनोमा (Fibroadenoma): फाइब्रोएडीनोमा एक प्रकार का गैर-कैंसर ट्यूमर है जो सौम्य होता है, यह अक्सर युवा महिलाओं में होता है।
- स्तन सिस्ट (Breast Cyst): ब्रेस्ट सिस्ट एक सौम्य, मुलायम तरल पदार्थ से भरी थैली है जो कैंसर रहित स्तन में गांठ का एक रूप है।
सौम्य फाइब्रोसिस्टिक: सौम्य फाइब्रोसिस्टिक एक तरल रेशेदार पदार्थ से बानी स्तन की गांठ है। महिलाओं के शरीर में होने वाले हॉर्मोनल लेवल के बदलाव के कारण ऐसी गांठ बन सक्ती है।
- लाइपोमा (Lipoma): लाइपोमा एक सौम्य, फैटी ट्यूमरस्तन गांठ है जो स्तन में पाई जा सकती है। लाइपोमा वसा/फैट बनाने वाली कोशिकाओं से बनाया गया एक सौम्य ट्यूमर होता है। इस प्रकार की स्तन गांठ में दर्द नहीं होता। लाइपोमा कैंसर का संकेत नहीं होता।
- फैट नेक्रोसिस (Fat Necrosis): फैट नेक्रोसिस के कारण भी स्तन में गांठ हो सकती है इसका मतलब उस उभार से है, जब स्तन में फैटी सेल्स को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है। जिसकी वजह से ये सेल्स क्षतिग्रस्त हो जाता है और टूटना शुरू हो जाता है। यह स्तन सर्जरी, आघात, बायोप्सी और कुछ अन्य चिकित्सा उपचारों के कारण भी हो सकता है।
- स्तन कैंसर (Breast Cancer): स्तन कैंसर के कारण पैदा होने वाली गांठ मजबूत होती है और आमतौर पर यह गांठ सिस्ट गांठ और फाइब्रोएडीनोमा गांठ दोनों की तुलना में दर्द रहित होती है।
स्तन में गांठ के लक्षण
स्तन में गांठ के अलग अलग प्रकार होने पर अलग उभार का एहसास हो सकता है। स्तन को चुने पर त्वचा मुलाम लगती है लेकिन स्तन में गांठ का मतलब है कि उस स्थान पर छूने पर त्वचा कठोर लगती है।
छाती में असामन्य गांठ का आकार बड़ा या छोटा हो सकता है। असामान्य गांठ बाकी स्तन के ऊतकों से अधिक कठोर महसूस होती है।
छाती में असामान्य गांठ होने पर लक्षण कुछ इस सकते हैं -
- स्तन की त्वचा के अंदर पेंसिल के रबड़ के समान गांठ बनना
- दर्द महसूस होना
- सूजन के आसपास की त्वचा में लालिमा
- स्तन में फोड़ा
- निप्पल से पानी जैसा रिसाव होना
- उभरती गांठ
- सूजन के साथ दर्द
- गरम त्वचा फोड़े के आसपास
स्तन फाइब्रोएडीनोमा
- रबड़ जैसी कठोर गांठ
- दर्द न होना
- चिकनापन जो गाठ के किनारों में महसूस हो
इंट्राडक्टल पेपिलोमा
- अंडाकार उभार
- ऊतकों का विकास निप्पल के नीचे होना
- निप्पल से रिसाव
- रिसाव के दौरान खून आना
फैट नेक्रोसिस
- गांठ जो ऑयल सिस्ट के कारण बनी हो
- स्तन के आकार में बदलाव होना
लाइपोमा
- यह एक कोमल गांठ का प्रकार है
- गांठ का एक स्थान से दूसरे स्थान में खिसकना
- गांठ में दर्द न होना
स्तन में गांठ के कारण और जोखिम
स्तन में गांठ के बहुत से कारण हो सकते हैं। स्तन में गांठ के कुछ कारण हैं-
- स्तन सिस्ट (Breast Cyst): स्तन में गांठ का कारण स्तन सिस्ट या द्रव से भरी थैली हो सकता है। यह द्रव दूध की नलिकाओं में फंस सकता है, और स्तन सिस्ट बना सकता हैं। मीनोपॉज से पहले महिलाओं में सिस्ट की समस्या या स्तन में गांठ होने की सम्भावना बढ़ जाती है ।
- फाइब्रोएडीनोमा (Fibroadenoma): फाइब्रोएडीनोमा एक सौम्य और नॉनकैंसरस गांठ का रूप है जो 20 से 30 साल की युवा महिलाओं में सबसे आम होता है। इसका दूसरा नाम स्तन ट्यूमर भी है। महिलाओं में यह प्रजनन वर्षों के दौरान देखा जाता है ।
- स्तन संक्रमण (Breast Infection): स्तन में गांठ कभी कभी स्तन संक्रमण के कारण भी हो सकता है। महिलाओं में स्तन संक्रमण की समस्या आमतोर पर देखि जा सकती है। स्तन के ऊतकों में संक्रमण होने के कारण भी स्तन में गांठ की समस्या पैदा हो सकती है।
- स्तन में फोड़े (Breast Abscess): स्तन में फोड़े विकसित होने के कारण भी कभी कभी स्तन में फोड़े हो जाते हैं, खासकर स्तनपान करवाने वाली महिलाओं में। ये गैर-कैंसर युक्त स्तन का ट्यूमर होते हैं और आमतौर पर मास्टिटिस जैसे जीवाणु संक्रमण से उत्पन्न होते हैं।
- स्तन कैंसर (Breast Cancer): स्तन में गांठ का कारण कैंसर भी हो सकता है। कैंसर की स्थिति में ऊतकों का अनियमित रूप से बढ़ने के कारण गांठ का निर्माण हो सकता है। स्तन में गांठ अगर कैंसर के लक्षण के साथ देखि जाये तो खतरे की निशानी माना जाता है।
अगर कैंसर के कुछ लक्षण आप महसूस करें और तब भी इलाज न कराया जाए, तो ये जानलेवा साबित हो सकता है।
स्तन की गांठ से जुड़े जोखिम
- उम्र बढ़ने के कारण: बढ़ती उम्र के साथ साथ स्तन के कैंसर होने का खतरा भी बढ़ जाता है। ज़्यादातर स्तन कैंसर का निदान 50 वर्ष की आयु के बाद ही हो पता है क्योंकि इसके लक्षण कैंसर की शुरुवाती स्टेज में प्रत्यक्ष नहीं हो पते या नज़रअंदाज़ कर दिए जाते हैं।
- आनुवंशिक उत्परिवर्तन (जेनेटिक म्यूटेशन): स्तन में गांठ बनने का कारण जीन में परिवर्तन से भी जुड़ा हो सकता है। कैंसर का अधिक खतरा उन महिलाओं को रहता है जिनमें बी.आर.सी.ए1 और बी.आर.सी.ए2 जैसे कुछ जीन में बदलाव (म्यूटेशन) या विरासत में मिले हैं।
- प्रजनन से संबंधित: यदि आपको उम्र से पहले या कम उम्र जैसे कि 12 साल में ही मासिक धर्म (पीरियड्स) शुरू हो जाए तो आपको स्तन के कैंसर होने की सम्भावना ज़्यादहोती है और यदि आपको अधिक उम्र में मीनोपॉज शुरू हो जाये, यह भी स्तन के कैंसर को बढ़ावा देता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आप लंबे समय तक हॉर्मोन के संपर्क में रहते हैं।
- पारिवारिक इतिहास: जब उसकी माँ, बहन या परिवार के कई सदस्य को स्तन या डिम्बग्रंथि का कैंसर हुआ है तब भी आपको स्तन कैंसर का जोखिम अधिक बढ़ जाता है ।
कुछ गैर-कैंसर वाले स्तन रोग जैसे एटिपिकल हाइपरप्लासिया या लोब्युलर कार्सिनोमा इन सीटू से भी स्तन कैंसर होने के उच्च जोखिम होते हैं। गांठ चाहे जिस भी कारण से पैदा हुई हो, डॉक्टर से जांच जरूर कराना चाहिए।
स्तन की गांठ का निदान
डॉक्टर स्तन में गांठ की जांच के लिए आपके लक्षणों के आधार पर अन्य परीक्षणों का समय निर्धारित कर सकते हैं जैसे की :-
- स्तन एम.आर.आई (Breast MRI): स्तन एम.आर.आई इमेजिंग स्कैन की मदद से विस्तृत स्तन चित्र बनाया जाता है। यह चुम्बक और रेडियो वेव का इस्तेमाल करके शरीर के अंगों को तस्वीरों के रूप में दर्शाता है।
- स्तन मैमोग्राम (Breast Mammogram): यह एक एडवांस्ड निदानयंत्र है जिसमें स्तन का एक्स-रे किया जाता ताकि स्तन कैंसर के लिए एक गांठ का पता लगाया जा सके।
- स्तन अल्ट्रासाउंड ( Breast Ultrasound): यह स्तन के ऊतकों की असामान्य संरचना को दर्शाता है।
- नीडल एस्पिरेशन (Needle Aspiration): सुई का उपयोग करके डॉक्टर स्तन में गांठ वाले स्थान से कोशिकाओं के नमूने को निकलकर उनका मूल्यांकन करते हैं।
- बायोप्सी (Biopsy): बायोप्सी के दौरान स्तन की गांठ से स्तन के ऊतक का एक नमूना निकाला जाता है। बायोप्सी प्रक्रियाएं के कई प्रकार हो सकते हैं जैसे की कोर बायोप्सी, एक्सिसनल बायोप्सी इत्यादि।
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