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जाने MRI और CT Scan के बीच का अंतर

जाने MRI और CT Scan के बीच का अंतर

आपने सी टी स्कैन और ऍम आर आई स्कैन के  बारे में कई हॉस्पिटल में सुना होगा , लेकिन क्या...

सी टी स्कैन (CT Scan) और एम आर आई स्कैन (MRI Scan) दोनों ही एक आधुनिक डायग्नोस्टिक इमेजिंग (diagnostic imaging) तकनीक हैं। इन दोनों में सबसे स्पष्ट अंतर इनके चालन में इस्तेमाल होने वाली ऊर्जा के स्तोत्र में है। एमआरआई  साउंड वेव्स (sound waves) और मैग्नेट्स (magnets) की मदद से शरीर के अंदर की तसवीरें बनाता है और सीटी स्कैन रेडिएशन (radiation) का इस्तेमाल करके शरीर के अंदर की तसवीरें बनाता  है। 

एमआरआई क्या होता है?

एमआरआई की फुल फॉर्म 'मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग' (Magnetic Resonance Imaging) होता है।  यह एक इमेजिंग तकनीक है जिसकी मदद से शरीर के अंगों की तसवीरें ली जाती हैं।  इन तस्वीरों के इस्तेमाल से शरीर में हो रही बीमारियों का पता लगाया जा सकता है। 

एमआरआई स्कैन रेडिएशन्स का इस्तेमाल नहीं करता बल्कि मैग्नेट्स (Magnets) और रेडियो वेव्स का इस्तेमाल करके स्कैन तसवीरें बनाता  है।  यह तकनीक सॉफ्ट टिशू  (soft tissues) को बेहतर दर्शाता है। आमतौर पर मस्तिष्क (brain), रीढ़ (spine) और अंगों की  जांच के लिए उपयोग किया जाता है। साथ ही यह जोड़ों, दिमाग, कलाई, टखने, छाती, हृदय, रक्त वाहिकाओं की जांच के लिए भी इस्तेमाल में लाया जाता है।   

सी टी स्कैन क्या होता है? 

सीटी स्कैन का फुल फॉर्म कंप्यूटिड  टोमोग्राफी (computed tomography) होता है।  सीटी स्कैन रेडिएशन यानि एक्स रे (x-ray) का इस्तेमाल करके कंप्यूटर की सहायता से शरीर के अंदर की इमेज बनाता  है। यह इमेज आपके डॉक्टर को आपके शरीर की जाँच करने मे मदद करती हैं। इन इमेज की मदद से शरीर में हो रही बीमारियां जैसे की कैंसर (cancer), फ्रैक्चर (fracture), इन्फेक्शन (infection) इत्यादि की जानकारी  पप्राप्त की जा सकती है, इस जानकारी से इलाज सही तरीके से बनाने और इलाज करने में आसानी होती है।  सीटी स्कैन नार्मल एक्स रे (normal x-ray) से आधी साफ इमेज बनाता है।

एमआरआई और सीटी स्कैन में अंतर क्या है?

एमआरआई (MRI) और सीटी (CT) स्कैन अलग-अलग इमेजिंग तरीके से काम करते हैं।

एमआरआई और सीटी स्कैन में अंतर क्या है

  • एमआरआई में हमारे शरीर के अंदर की तस्वीरें लेने के लिए और डायग्नोसिस (Diagnosis) के लिए मैग्नेटिक और रेडियो वेव्स का इस्तेमाल किया जाता है। जबकि सीटी स्कैन में शरीर के अंदर के अंगो की क्रॉस सेक्शनल इमेज (Cross-Sectional Images) बनाने के लिए एक्स-रे रेडिएशन (x-ray radiation) का उपयोग किया जाता है। 
  • सीटी स्कैन को बार-बार  करवाने के नुक्सान हो सकते हैं क्योकि ये रेडिएशन का इस्तिमाल करता है। ऐसा करना आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है। लेकिन एमआरआई को बार-बार इस्तेमाल के लिए सुरक्षित माना जाता है, क्योंकि इसमें रेडिएशन का इस्तेमाल नहीं होता।  
  • सीटी स्कैन से हड्डियों को देखने, कैल्सीफिकेशन (calcification) का पता लगाने और पूरे शरीर को तुरंत स्कैन करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। एमआरआई स्कैन को आमतौर पर ब्रेन (brain), मांसपेशियों (muscles) और अंगों जैसे सॉफ्ट टिशू (soft tissue) की जाँच के लिए इस्तेमाल किया जाता  है।  

एमआरआई स्कैन और सीटी स्कैन के उपयोग?

एमआरआई स्कैन का डॉक्टर कई स्तिथियो की जाँच के लिए करते हैं 

  • स्तन का कैंसर या ट्यूमर (breast cancer or tumour)
  • शरीर के ट्यूमर  (tumours)
  • लिगामेंट (ligament), जोड़ (joints) या हड्डियों (bones) की समस्याओं का पता लगाने के लिए 
  • रक्त वाहिकाओं (blood vessels) से जुडी बीमारियों का पता लगाने के लिए जैसे की ब्लॉकेज (blockage) का पता लगाने के लिए। 
  • ब्रेन/मस्तिष्क (brain) की समस्याओं का पता लगाने के लिए जैसे की ट्यूमर (tumour), स्ट्रोक (stroke) के कारण। 
  • इंटेस्टाइन (intestine) की समस्याएं जैसे की अल्सरेटिव कोलाइटिस (ulcerative colitis), क्रोहन डिजीज (crohn's disease)। 
  • लिवर (liver) की बीमारियां - जैसे की सिरोसिस (liver cirrhosis) एमआरआई में दिखाई देती हैं। 

सीटी स्कैन का इस्तेमाल इन समस्याओं की जाँच के लिए हो सकता है -

  • पेट की समस्याएं जैसे की लिवर (liver) या किडनी (kidney) में कैंसर (cancer) की जाँच के लिए 
  • यह रक्त वाहिकाओं (blood vessels) में रुकावट (blockage) को जांचने  में इस्तेमाल किया जाता है। 
  • अगर मूत्र त्यागते समय उसमे खून आये  (blood in urine), उसके कारण जांचने के लिए। 
  • फेफड़ों की समस्याएं जैसे की ट्यूमर (lung tumour),टी बी (TB), निमोनिया (pneumonia) इत्यादि की जाँच के लिए। 
  • शरीर की हड्डियों में समस्या जैसे की रीढ़ की हड्डी में चोट (spinal injury),हड्डियों में फ्रैक्चर / हड्डी टूटना (bones fracture), ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) को जांचने के लिए। 
  • यह सर की स्थिति को भी जांचने में सहायक हो सकता है। जैसे की ब्रेन ट्यूमर (brain tumour)। 

एमआरआई के नुकसान

एमआरआई के नुकसान

  • एमआरआई की कीमत (cost)  सीटी स्कैन से ज्यादा है।
  • एमआरआई स्कैन सीटी स्कैन से अधिक समय लेता है।
  • यदि स्कैन के दौरान कोई  हलचल की जाये तो इमेजेज साफ़ और स्पष्ट नहीं निकल कर आती।
  • एमआरआई स्कैन क्योकि चुम्बकों का इस्तेमाल करता है इसलिए यदि आपके शरीर में कोई मेटल धातु से बनी डिवाइस (metal device)है जैसे की कार्डियक पेसमेकर (cardiac pacemaker) या रोड (rod) तो आपको अपने ड़ॉक्टर को पहले ही सूचित कर दें चाहिए। कभी कभी चुम्बक इन डिवाइस के कार्य में नुकसान पहुँचता है। 

सीटी स्कैन के नुकसान

सीटी स्कैन के नुकसान

  • सीटी स्कैन रेडिएशन का इस्तेमाल करता है जबकि एमआरआई स्कैन नहीं करता। इस रेडिएशन की वजह से कैंसर (cancer) होने की कुछ सम्भावना बनी रहती है , हालाँकि कैंसर एक स्कैन से नहीं होता बल्कि बार बार थोड़े थोड़े समय बाद काफी लम्बे समय तक रेडिएशन स्कैन लेने से हो सकता  है। इन रेडिएशन से प्रेग्नेंट महियें (pregnant women) या बच्चो (children) को नुकसान होता है। 
  • यदि आपको पहले ही किडनी की बीमार (kidney disease) है तो कंट्रास्ट (contrast)  का इस्तेमाल और कम्प्लीकेशन (complication) कर सकता है। 
  • डायबिटीज (diabetes) वाले लोगों  को पहले ही अपने डॉक्टर को सूचित करना चाहिए ताकि आपके डॉक्टर आपकी  दवाइयों का सेवन निर्धारित कर सके।  हो सकता है आपकी दवाइयां अस्थायी रूप से बंद करें। 

निष्कर्ष

बीमारी जानलेवा भी साबित हो सकती है। इनका इलाज और समय से जाँच करवा लेना बहुत महत्वपूर्ण है। समय से इलाज करवाएं और जाँच केंद्र पर जाँच करवाए। गणेश डाइग्नोस्टिक एंड इमेजिंग सेंटर बहुत सटीक डायग्नोसिस देने की कोशिश करते है। ताकि आपके इलाज में बेहतरीन प्लान बन सके और आप किसी भी बीमारी से निजाद पा सके। हमारे यहां सी टी स्कैन में और अन्य कुछ टेस्ट में लगभग 50 % ऑफ भी मिलता है।

हमारे डॉक्टर से फ्री कंसल्टेशन/बातचीत करें।

  • कंसल्टेशन डॉक्टर- डॉ. रवीन शर्मा ( MBBS , MD Radiologist )
  • फ़ोन नंबर - +91-9212125996
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