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Low BP Symptoms & Causes in Hindi - बीपी कम होने के लक्षण, कारण, और उपाय

Low BP Symptoms & Causes in Hindi - बीपी कम होने के लक्षण, कारण, और उपाय

आईये इस ब्लॉग के माध्यम से जानें लौ ब्लड प्रेशर के कारण, कम्प्लीकेशन, लक्षण और निदान। 

कम बी. पी. या निम्न रक्तचाप क्या है? (What is Low Blood Pressure in Hindi)

लो ब्लड प्रेशर (Low Blood Pressure) ऐसी शरीरिक स्थिति है जिसके कारण व्यक्ति के खून के बहाव/रक्तचाप में सामान्य स्तर नहीं रहता और कम हो जाता है। जब रक्तचाप का स्तर 90/60 mmHg या इससे कम रहता है, इसे कम रक्त चाप की स्थिति कहा जाता है। निम्न रक्तचाप की स्थिति में व्यक्ति को चक्कर, थकावट, कम या न भूख लगना, और मतली जैसे लक्षण हो सकते हैं। लो रक्तचाप होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे की असंतुलित खान-पान, तनाव, इत्यादि। 

निम्न रक्तचाप के कारण (Causes of Low BP in Hindi) 

Causes of Low BP in Hindi

  • भावनात्मक तनाव (Mental Stress)
  • भय (Fear)
  • पानी न पीना/निर्जलकरण (Not Drinking Water)
  • रक्तदान (Blood Donation)
  • अंद्रूणी रक्तस्राव (Internal Blood Loss)
  • बहुत अधिक रक्त बहना (Blood Loss)
  • गर्भावस्था (Pregnancy)
  • उच्च रक्तचाप के लिए दवाएँ (High BP Medicine)
  • डाययुरेटिक दवाएँ (Diruretics Medicine)
  • हृदय की कुछ स्थितियों जो एलर्जी के कारण हो सकती है 
  • संक्रमण (Infection)
  • टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम (Toxic Shock Syndrome)
  • हृदय रोग (Heart Diseases)
  • एडिसन रोग (Addisons disease)

कम बी. पि. या लो बी. पी. के लक्षण (Low BP Symptoms in Hindi)

लो ब्लड प्रेशर/लो बी. पी. के लक्षण व्यक्ति को अनुभव हो सकते हैं जैसे की :

भ्रम होना या चक्कर आना (Confusion and Dizziness):- 

चक्कर आने या भ्रम होने के कई कारण हो सकते हैं। ज़्यादातर यह लक्षण कम रक्तचाप, कम शुगर के लेवल होना, या कुछ अन्य बीमारियों के लिए ली जा रही दवाओं के कारण, नींद पूरी न होने के कारण, तनाव के कारण , आँखों की बीमारी के कारण या शरीर का तापमान बढ़ने के कारण भी हो सकता है। बार बार चक्कर आना या भरम होना किसी गंभीर बीमारी का भी संकेत हो सकता है, इन लक्षणो को नजर अंदाज न करें, डॉक्टर से सलाह बी निदान के लिए संपर्क करें।

थकावट होना (fatigue):- 

आलस्य/थकावट आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में एक आम समस्या हैं। थकान अक्सर खान-पान में अनियमितता, व्यायाम, और नींद पूरी न करने के कारण भी हो सकती हैं। थकान कम करने के लिए आप पोष्टिक खाना खाएं, नियमित व्यायाम करें, और रोज़ नींद पूरी करें और सोने उठने का नियमित समय बना लें। 

कम भूख लगना (Not Feeling Hungry):- 

भूख न लगने के कारण बहुत हो सकते हैं जिनमे हार्मोनल चंजिस आम है। भूख न लगने के अन्य कारण, बीमारी होना, या उल्टी आना भी हो सकते हैं। शरीर स्वास्थ्य बनाये रखने के लिए पौष्टिक आहार लें, और व्यायाम करें। 

उलटी होना और मन मिचलाना (Vomiting or Nausea):-

मन मिचलाने के विभिन्न कारण हो सकते हैं। उलटी या मितली होने के कारण हेल्थी खाना न खाना, वायुमंडल में संक्रमण, कोई रोग, या गर्भावस्था हो सकते हैं। इस समस्या का निदान करने के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।

पसीना आना (Sweating):-

पसीना कई कारणों से आ सकता है, इसके कुछ सामान्य कारण तनाव, शरीर का तापमान बढ़ना, शारीरिक मेहनत, या रोग। यदि आपको ज़्यादा पसीना आता है तो आप पानी ज़्यादा पीएं और कोशिश करें की ठंडे पानी के नहाएं जिससे आपके शरीर के तरल सही मतत्र में बने रहे और आपको पसीना आने से रहत मिले। 

ठंड लगना (Chills):-

ठंडी लगने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे की बीमार होना (सर्दी-जुकाम होना), शरीर का तापमान बढ़ना-घटना, या कम रक्तचाप होना। यदि आपको बार-बार ठण्ड लगती है तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और इसका कारण जानना चाहिए।

दिल की धड़कन बढ़ना या दिल की धड़कन स्पष्ट महसूस होना (Palpitations):- 

अगर आपके दिल की धड़कन आपको बढ़ी हुई महसूस हो रही है या स्पष्ट सुनाई/दिखाई दे रही है, तो इसके बहुत से कारण हो सकते हैं जिनमें शारीरिक कमज़ोरी, तनाव, कम रक्तचाप होना, या दिल की बीमारियाँ शामिल हैं। नियमित व्यायाम करने से और संतुलित पौष्टिक आहार खाने से आप इसे नियंत्रित कर सकते हैं ।

संवेदनशील होना (Being Sensitive):- 

धीरे-धीरे संवेदनशील होने के कुछ कारण शरीर का तापमान बढ़ना, स्ट्रेस या तनाव होना, खानपान में कमी या पौष्टिक आहर न लेना हो सकता है। नियमित व्यायाम, और शांति भरे वातावरण में समय बिताने से, और पौष्टिक खाना खाने से इससे परहेज किया जा सकता है।

यदि आपको ऊपर दिए गए लक्षणों में से कुछ अनुभव हो रहे हैं तो आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। ब्लड प्रेशर या बी.पि. कम होने की वजह से आने वाले लक्षण को नजरअंदाज न करें और इसका निदान करवाएं।

लो ब्लड प्रेशर की कॉम्प्लीकेशन्स क्या हैं? (Complication of Low BP in Hindi) 

  • चोट लगना/आघात (Injury)
  • हृदय से जुडी समस्याएं (Heart diseases)
  • चक्कर आना (Dizziness)
  • बेहोश होना (Fainting)
  • कमजोरी होना (Weakness)

लो ब्लड प्रेशर का निदान (Diagnosis of Low BP in Hindi)

लो ब्लड प्रेशर का कारण वे निम्नलिखित टेस्टों से हो सकते हैं:

Diagnosis of Low BP in Hindi

  • एक्स-रे (X-Ray)
  • कंप्यूटेड टोमोग्राफी (सीटी) स्कैन (CT Scan)
  • मैग्नेटिक रेज़ोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) स्कैन (MRI Scan)
  • इकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram
  • हृदय से जुड़ी समस्या का पता लगाने के लिए इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी) (ECG) ईसीजी टेस्ट

लो ब्लड प्रेशर के घरेलू उपचार व् अन्य इलाज / बीपी लो के घरेलू उपाय (Low Blood Pressure Home Treatment in Hindi)

  • नमक की मात्रा बढ़ाएं
  • प्रतिदिन अधिक से अधिक पानी पिएं 
  • नियमित व्यायाम करें 
  • उपयुक्त आहार का सेवन करें
  • बिस्तर से धीरे-धीरे उठें
  • तनाव या स्ट्रेस कम करें
  • यदि घरेलू उपचार काम न आए तो चिकित्सा देखभाल की सहायता लें। 

बीपी लो होने के नुकसान (Disadvantages of Having Low BP in Hindi)

बीपी (ब्लड प्रेशर) का लो होना, जिसे हाइपोटेंशन (Hypertension) कहा जाता है, शरीर पर कई प्रकार के नकारात्मक प्रभाव (Negative Effects) डाल सकता है। जब रक्तचाप सामान्य से कम हो जाता है (आमतौर पर 90/60 mmHg से कम), तो ये सभी  नुकसान हो सकते हैं:

चक्कर आना या बेहोशी (Dizziness or Fainting)

लो बीपी (Low  BP) के कारण मस्तिष्क तक पर्याप्त रक्त नहीं पहुंचता, जिससे चक्कर आना या बेहोशी की समस्या हो सकती है।

थकान और कमजोरी (Fatigue and Weakness)

शरीर के अंगों और मांसपेशियों को पर्याप्त मात्रा ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल पाता, जिससे व्यक्ति को थकान, कमजोरी और आलस महसूस होता है।

हृदय और किडनी पर प्रभाव (Effect on Heart and Kidneys)

यदि ज्यादा समय तक ब्लड प्रेशर लो रहता है, तो यह हृदय और किडनी (Heart and Kidneys) के कार्यों को प्रभावित कर सकता है।

सिरदर्द और ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत आना (Headaches and Difficulty Concentrating)

लो बीपी के कारण मस्तिष्क तक पर्याप्त रक्त न पहुंचने से सिरदर्द और कंसंट्रेशन में दिक्कत हो सकता है।

शॉक (Shock) का खतरा (Risk of Shock)

अचानक और गंभीर लो बीपी की वजह से व्यक्ति शॉक में जा सकता है।

हाथ-पैर ठंडे पड़ना (Cold Hands and Feet)

लो बीपी के कारण रक्त का प्रवाह कम हो जाता है, जिससे हाथ-पैर ठंडे और नीले पड़ सकते हैं।

पाचन तंत्र पर प्रभाव (Effect on Digestive System)

पाचन तंत्र में रक्त प्रवाह कम होने से भूख न लगना, अपच, या जी मिचलाना हो सकता है।

ऑर्गन फेलियर का खतरा (Risk of Organ Failure)

लंबे समय तक लो बीपी बने रहने से महत्वपूर्ण अंगों को स्थायी नुकसान हो सकता है, जैसे हृदय, मस्तिष्क, और किडनी 

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लो बीपी को तुरंत/जल्दी ठीक कैसे करें? (How to cure low BP immediately/quickly in Hindi?)

लो बीपी (हाइपोटेंशन) अचानक से हो सकता है और ये कई तरीके की समस्या पैदा कर सकता है। लेकिन इसे तुरंत ठीक करने के लिए कुछ घरेलू उपाय अपनाए जा सकते हैं।

  • नमक का सेवन करें (Increase Salt Intake)
  • शक्कर का सेवन करें (Consume Sugar)
  • धीरे-धीरे उठें (Get up Slowly)
  • गहरी सांस लें (Take Deep Breaths)
  • खारा नींबू पानी पिएं (Drink Salted Lemon Water)
  • आराम करें (Take Rest)
  • ठंडे पानी से मुंह धोएं (Wash Your Face With Cold Water)
  • काफी या चाय पिएं (Drink Coffee or Tea)