एमआरआई (MRI) का मतलब मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (Magnetic Resonance Imaging) है। अक्सर लोग एम् आर आई का...
एमआरआई (MRI) का मतलब मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (Magnetic Resonance Imaging) है।
अक्सर लोग एम् आर आई का नाम सुनते ही डर जाते है। जब की इस इमेजिंग तकनीक पूरी तरह से दर्द रहित है। यह एक तरह की स्कैनिंग मशीने है जिसमे बहुत शक्तिशाली चुंबक, रेडियो तरंगो और कंप्यूटर की मदद से मानवशरीर की अंदर की तस्वीरें निकली जाती है। परीक्षण के दौरान, चुंबकीय क्षेत्र एक सीमित अवधि के लिए शरीर में पानी के अणुओं को पुनः व्यवस्थित करता है। तदनुसार, रेडियो तरंगें सिग्नल उत्पन्न करने के लिए संरेखित परमाणु बनाती हैं। फिर इन संकेतों का उपयोग क्रॉस-सेक्शनल एमआरआई छवियों को विकसित करने के लिए किया जाता है।
एमआरआई के आने से मेडिकल डायग्नोस्टिक क्षेत्र में नै क्रांति आई है। आज एम आर आई का इस्तेमाल कर के डॉक्टर मरीज़ की बीमारी का जल्दी पतलगता जिसे कारण उनका सही समय पर सटीक इलाज होता है। इसके अलावा एम् आर आए की मदद से इलाज केसा चल रहे ठीक है या नहीं और इलाज से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ रहा है।
क्या होता है एम आर आई?
एम आर आई एक चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग यानि मैग्नेटिक रेज़ोनेंस इमेजिंग (magnetic resonance imaging) एक चिकित्सा इमेजिंग तकनीक है जो कि आपके शरीर में अंगों और ऊतकों की विस्तृत छवियां बनाने के लिए चुंबकीय क्षेत्र और कंप्यूटर से उत्पन्न रेडियो तरंगों का उपयोग करती है। यह एक्स-रे (विकिरण) का उपयोग नहीं करता है।
एम् आर आई की मशीन एक बड़ी तुबे के आकर की चुम्बक होती है। कब किसी व्यक्ति को लिटा कर मशीन के अंदर ले जाया जाता है तो चुंबक और रेडियो इवज़ की मदद से शरीर के भीतर की तस्वीरें मिलती है, जिनका उपयोग क्रॉस-अनुभागीय एम आर आई ( Cross Sectional MRI Images) की बनाने में किया जाता है। इसकी मदद से 3-D तस्वीरें मिलते है जिनकी मदद से के किसी भी अंग को चारो कोणों से देखा जा सकता है।
क्यों किया जाता है एम आर आई?
एमआरआई मस्तिष्क (MRI Brain), रीढ़ की हड्डी (Spinal Cord), हृदय(heart), रक्त वाहिकाओं (Blood Vessels), आंतरिक अंगों ( Internal Organs) जैसे किडनी , फेफड़े , हड्डियों और जोड़ों और शरीर के अन्य क्षेत्रों में कई प्रकार की समस्याओं का पता लगाने में बेहद मददगार साबित होता है। यह मेडिकल इमेजिंग तकनीक मूल रूप से निम्नलिखित की स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए की जाती है:
- पेट और छाती के अंग (गुर्दे, प्लीहा, अग्न्याशय, अधिवृक्क ग्रंथियां, पित्त पथ, यकृत, हृदय, आदि सहित)
- पेल्विक अंग/pelvic organ (महिलाओं में गर्भाशय, अंडाशय, पुरुषों में प्रोस्टेट ग्रंथि, मूत्राशय और प्रजनन अंग सहित)
- लसीकापर्व (Lymph Nodes)
- रक्त वाहिकाएं (Blood Vessels)
- जोड़ो और हडडयो से संबंधित बीमारी
- ह्रदय से संबंधित बीमारी
डॉक्टर मूल रूप से निम्न स्थितियों के निदान और निगरानी के लिए एमआरआई का उपयोग करते हैं:
- श्रोणि, पेट या छाती में ट्यूमर
- गर्भवती महिला का भ्रूण
- लिवर से संबंधित समस्याएं जैसे अग्न्याशय और पित्त नलिकाओं में असामान्यताएं
- रक्त वाहिकाओं की विकृति
- वाहिकाओं की सूजन (वास्कुलाइटिस) (Vasculitis)
- अल्सरेटिव कोलाइटिस और क्रोहन रोग (Ulcerative Colitis)
- जन्मजात हृदय रोग (Congenital Heart Disease)
यदि आपको कंट्रास्ट एम आर आई के बोलै गया है तो एक स्वास्थ्य सेवा प्रदाता आपके हाथ या बांह की नस में एक अंतःशिरा कैथेटर (IV लाइन) डालेगा। वे इस IV का उपयोग कंट्रास्ट सामग्री को इंजेक्ट करने के लिए करेंगे।
कंट्रास्ट सामग्री सुरक्षित दवाएं हैं। हल्के से लेकर गंभीर तक के दुष्प्रभाव होते हैं, लेकिन गंभीर प्रतिक्रियाएं बहुत कम होती हैं। कंट्रास्ट एमआरआई ट्यूमर को मापने और उसका मूल्यांकन करने में बेहतर है। कंट्रास्ट जोड़ने से रेडियोलॉजिस्ट के लिए सबसे छोटे ट्यूमर का भी पता लगाना संभव हो जाता है और ट्यूमर के सटीक स्थान के बारे में जानकारी मिलती है।
एम आर आई स्कैन कैसे किया जाता है?
एमआरआई एक ओपीडी (OPD) प्रक्रिया है इसलिए आपको किसी भी तरह से जल्दबाजी करने की जरूरत नहीं है। यह परीक्षण शुरू करने से पहले सभी निर्देश दिए जाते है । मरीज़ को एक मेज पर लेटने के लिए बोलै जाता है जिसके बाद वह मेज़ बड़ी ट्यूब के अंदर जाती है। इसके अंदर जाने से पहले कोई भी प्रश्न पूछे जा सकते हैं। पूरे परीक्षण के दौरान आपसे एक ही स्थिति में लेटे रहने की अपेक्षा की जाती है। आपकी स्थिति और फीडबैक के आधार पर, टेक्नोलॉजिस्ट आपको स्थिर रखने के लिए पट्टियों का उपयोग भी कर सकता है।
कुछ क्रम कई मिनट तक चलते हैं। हर दौड़ के दौरान आपको अलग-अलग तरह की आवाजें सुनाई देंगी।
यदि आपकी परीक्षा में कंट्रास्ट सामग्री का उपयोग किया जाता है, तो आपका टेक्नोलॉजिस्ट या मेडिकल स्टाफ हाथ या बांह की नस में अंतःशिरा कैथेटर (IV लाइन) भी डाल सकता है।
एमआर इमेजिंग के लिए अनिवार्य रूप से आपको एक सीमित अवधि के लिए मशीन के अंदर लेटना पड़ता है। जबकि, टेक्नोलॉजिस्ट सुरक्षित दूरी (हो सकता है कि कमरे के बाहर) से कंप्यूटर पर काम करेगा। हालाँकि, आप उससे माइक्रोफ़ोन (मशीन के अंदर दिया गया) के ज़रिए बात कर सकते हैं।
यदि आपके परीक्षण के लिए कंट्रास्ट सामग्री की आवश्यकता है तो टेक्नोलॉजिस्ट प्रारंभिक स्कैनिंग के बाद इसे आपकी अंतःशिरा रेखा (IV) में इंजेक्ट करेगा। परिणामस्वरूप, इंजेक्शन के बाद अधिक छवियां कैप्चर की जाएंगी।
एक बार परीक्षण पूरा हो जाने पर टेक्नोलॉजिस्ट छवियों की जांच करेगा, यह सुनिश्चित करने के लिए कि क्या अधिक छवियों की आवश्यकता है।
परीक्षण के बाद, टेक्नोलॉजिस्ट आईवी लाइन को हटा देगा और सम्मिलन स्थल पर उचित ड्रेसिंग सुनिश्चित करेगा।
एमआरआई 30-50 मिनट लंबी प्रक्रिया है। इसलिए, बेहतर रिपोर्ट बनाने के लिए शांत रहें।
एमआरआई की तैयारी कैसे करें?
एमआरआई एक सुरक्षित ओपीडी प्रक्रिया है। इसलिए, आपको परीक्षा के लिए जाने से पहले ज्यादा तैयारी करने की जरूरत नहीं है। हालाँकि, यदि आपको किसी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी जटिलता है तो डॉक्टर से उन समस्याओ के बारे में जान सकते है। डॉक्टर अधिकांश समय कुछ रोगियों के लिए कंट्रास्ट सामग्री के रूप में 'गैडोलीनियम' एमआरआई परीक्षण का उपयोग करते हैं। यदि आपको अस्थमा या किसी विशेष प्रकार की एलर्जी है तो अपने डॉक्टर से बात करें। कंट्रास्ट सामग्री का उपयोग करने से पहले आपको विशिष्ट दवाओं की आवश्यकता हो सकती है।
आपको परीक्षण से पहले निम्नलिखित बिंदुओं का पालन करने का भी सुझाव दिया जाता है:
- ढीले कपड़े पहने ( जैसे अस्पताल का गाउन एक अच्छा विकल्प है)
- दंत संबंधी कार्य, यदि कोई हो, हटा दें- नकली दांत
- अपनी जेबें खाली करें उनमे कोई भी मेटल की वास्तु न रखे
- चश्मा, घड़ी, आभूषण जैसी वस्तुएं बाहर छोड़ें
- मोबाइल फोन या कोई अन्य गैजेट, खिलौना अंदर न ले जाएं
- पूरे परीक्षण के दौरान एक ही स्थिति में लेटे रहें/ हिलने से एम आर आई स्कैन से प्राप्त हुई तस्वीरें ख़राब होसकती है
हिलने के कारण छवियाँ धुंधली हो जाती हैं। इसीलिए बेहतर रिपोर्ट के लिए कृपया सभी सुझावों का पालन करें।
एमआरआई टेस्ट के बाद क्या करें?
परीक्षण पूरा होने के बाद कुछ समय तक प्रतीक्षा करें क्योंकि तकनीशियन को छवियों की गुणवत्ता और हैंडओवर रिपोर्ट की जांच करने में कुछ मिनट लगेंगे। रिपोर्ट एकत्र करें और परिणाम जानने के लिए डॉक्टर से परामर्श लें। सुनिश्चित करें कि आप घर तक सुरक्षित रूप से गाड़ी चलाने के लिए पूरी तरह से जाग रहे हैं। यदि नहीं, तो थोड़ा और इंतजार करें और घर जाने के लिए अपने किसी प्रियजन से संपर्क करें।
एमआरआई रिपोर्ट का विश्लेषण कौन करेगा?
केवल एक प्रशिक्षित रेडियोलॉजिस्ट या चिकित्सक ही आपकी स्थिति का मूल्यांकन करने और उपचार के भविष्य के बारे में निर्णय लेने के लिए एमआरआई रिपोर्ट का विश्लेषण कर सकता है। सभी प्रकार की अप्रत्याशित समस्याओं से सुरक्षित रहने के लिए हमेशा प्रमाणित व्यक्ति से परामर्श लें।
दो तरह की हो सकती है एमआरआई
3 टेस्ला एम आर आई / 3 Tesla MRI के चुंबकीय क्षेत्र की ताकत 1.5 टेस्ला एम् आर आई / 1.5Tesla MRI से दोगुनी शक्तिशाली होती है। इस वजह से 3T MRI बेहद स्पष्ट और गहरी इमेज (छवियां) प्रदान करता है। 3-टी (3- T) एमआरआई तेजी से बड़े अंगों की छवि बना सकता है, जो उन लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है जो एमआरआई के दौरान चिंता या क्लौस्ट्रफ़ोबिया का अनुभव कर सकते हैं। तेज़ स्कैन उन बच्चों के लिए त्वरित परीक्षण की अनुमति भी दे सकता है जो बहुत लंबे समय तक लेटे रहना पसंद नहीं करते हैं, जो स्पष्ट एमआरआई परिणाम प्राप्त करने के लिए आवश्यक है। अधिक सटीक निदान.
3T मस्तिष्क, वैस्कुलर, मस्कुलोस्केलेटल और छोटी हड्डी की इमेजिंग के लिए उपयुक्त होता है। जब मरीजों की संख्या अधिक होती है, तो जल्दी-जल्दी उनका एमआरआई करना जरूरी हो जाता है। ज्यादा मरीजों की इमेजिंग सुविधा के लिए थोड़े समय के लिए स्कैन फायदेमंद होता है।
क्या एम आर आई सुरक्षित है?
एम आर आई स्कैनिंग में एक्स - रेज़ का इस्तेमाल नहीं होता यह एक सुरक्षित प्रक्रिया है।
एमआरआई प्रक्रिया के दौरान विकिरण के संपर्क में आने का कोई जोखिम नहीं होता है। हालाँकि, मजबूत चुंबक के उपयोग के कारण, एमआरआई उन रोगियों पर नहीं किया जा सकता है: प्रत्यारोपित पेसमेकर। इंट्राक्रानियल एन्यूरिज्म क्लिप।
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