आइए इस लेख में मवाद कोशिकाओं के बारे में चर्चा करें। मवाद कोशिकाएं क्या हैं, वे मूत्र...
मूत्र में मवाद कोशिकाएं(Pus cells) संक्रमण के कारण मृत सफेद रक्त कोशिकाओं-White Blood Cells (डब्ल्यूबीसी-WBC) का संचय है। जब पेशाब में मवाद कोशिकाएं जमा होने लगती हैं तो इस स्थिति को पाइयूरिया (Pyuria) कहा जाता है। मूत्र के नमूने में कुछ मवाद कोशिकाएं होना सामान्य बात है, लेकिन, यदि उनकी संख्या अधिक है तो संभावना है कि आपको अंदरूनी संक्रमण है।
मवाद कोशिकाएं क्या हैं? (What Are Pus Cells in Hindi?)
मवाद कोशिकाएं (Pus Cells) मूलतः मृत और संचित श्वेत रक्त कोशिकाएं (White Blood Cells) होती हैं। जब आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) किसी संक्रमण (Infection) के कारण सक्रिय हो जाती है, तो WBCs बड़ी मात्रा में उत्पन्न होते हैं। ये कोशिकाएं एक सफेद-पीला (White-Yellow Fluid) या पीले रंग का तरल पदार्थ (Yellow Fluid) उत्पन्न करना शुरू कर देती हैं जो प्रोटीन (Protein Rich) से भरपूर होता है, यह प्रक्रिया संक्रमण स्थल (Site Of Infection) पर होती है। इस तरल पदार्थ को लिकर पाइयूरिया (Liquor Pyuria) कहा जाता है. ये मवाद कोशिकाएं हैं जो आपके मूत्र में हो सकती हैं। यह स्थिति जब मूत्र में श्वेत रक्त कोशिकाएं मौजूद होती हैं, पाइयूरिया कहलाती है। पाइयूरिया स्टेराइल (Sterile) या गैर-स्टेराइल (Non-Sterile) हो सकता है। स्टेराइल पाइयूरिया (Sterile Pyuria) वह स्थिति है जब मूत्र में बैक्टीरिया की उपस्थिति के बिना मवाद कोशिकाएं मौजूद होती हैं। जबकि, गैर-स्टेराइल पाइयूरिया में जीवाणु/बैक्टीरिया (Bacteria) की उपस्थिति होती है।
क्या मूत्र में मवाद कोशिकाओं की उपस्थिति सामान्य है?(Is the Presence of Pus Cells in Urine Normal in Hindi?)
यह प्रश्न अक्सर तब आता है जब कोई व्यक्ति मूत्र परीक्षण (Urine Test) कराता है या उसमें मूत्र पथ संक्रमण (Urinary Tract Infection) के लक्षण होते हैं। मूत्र में मवाद कोशिकाओं की कम संख्या (Less Pus cells in urine) को सामान्य माना जा सकता है, लेकिन, काफी अधिक संख्या में मवाद कोशिकाओं (More Puss cells in urine) की उपस्थिति चिंता का कारण हो सकती है। मूत्र में बड़ी मात्रा में मवाद कोशिकाएं मूत्र पथ के संक्रमण (यूटीआई-UTI), गुर्दे की कार्यप्रणाली (kidney Function) या अन्य स्थितियों की संभावना का संकेत देती हैं। मूत्र परीक्षण और चिकित्सा देखभाल आपके डॉक्टर को मूत्र पथ की किसी भी समस्या की पहचान करने में मदद कर सकती है, जिससे सर्वोत्तम मूत्र स्वास्थ्य (Urinary Health) और आपकी समग्र भलाई (Overall Health) सुनिश्चित हो सकती है।
मूत्र में मवाद कोशिकाओं की सामान्य सीमा क्या है? (What is the Normal Range of Pus Cells in Urine in Hindi?)
मूत्र के नमूने (Urine sample) में मवाद कोशिकाओं की कुछ मात्रा सामान्य है। मूत्र के नमूने में मौजूद मवाद कोशिकाओं की सामान्य सीमा को उच्च शक्ति वाले माइक्रोस्कोप (High Resolution Microscope) का उपयोग करके देखा जा सकता है। पुरुषों और महिलाओं में मूत्र में पस कोशिकाओं की संख्या थोड़ी भिन्न होती है।
- पुरुष के मूत्र नमूने में मवाद कोशिकाओं की सामान्य संख्या - 4 कोशिकाओं / एचपीएफ (4 cells/HPF) से कम,
- महिलाओं के मूत्र में पस कोशिकाओं की सामान्य संख्या- लगभग 5 से 7 कोशिकाएं/एचपीएफ (5-7 cells/HPF)
यदि आपके मूत्र के नमूने में मवाद कोशिकाओं की संख्या बढ़ गई है, तो यह मूत्र में दृश्य परिवर्तन (Visual Changes)दे सकता है, उदाहरण के लिए, मूत्र गाढ़ा (Thick Urine) हो सकता है या मवाद की तरह बादल जैसा (Cloudy Urine) दिख सकता है। इसलिए, यदि आपको अपने मूत्र की बनावट या रंग में कोई बदलाव दिखाई देता है, तो आपको डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
मूत्र में मवाद कोशिकाएं क्यों मौजूद होती हैं? (Why Are Pus Cells Present in Urine in Hindi?)
आपके मूत्र में मवाद कोशिकाएं कई कारणों से मौजूद हो सकती हैं। मुख्यतः मवाद कोशिकाएं वायरस (Virus) या बैक्टीरिया (Bacteria) के संक्रमण के कारण आपके मूत्र में मौजूद होती हैं। आपके मूत्र में मवाद कोशिकाओं की उपस्थिति के मुख्य कारण ये हो सकते हैं:
- मूत्र पथ संक्रमण (यूटीआई){Urinary tract infection (UTI)}- संक्रमण आपके मूत्र तंत्र को प्रभावित करता है जिसमें मूत्राशय(urinary bladder), मूत्रमार्ग (urethra), मूत्रवाहिनी (ureter) या गुर्दे (kidneys)शामिल हैं।
- यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई){Sexually transmitted infection (STI)}- वायरल संक्रमण (viral infection) या गोनोरिया(gonorrhea)
- इंटेस्टिनल सिस्टाइटिस (Interstitial cystitis)
- टीबी (Tuberculosis)
- सेप्सिस के साथ बैक्टेरिमिया (Bacteremia with sepsis)
- गुर्दा रोग (Kidney disease)
- मूत्र पथ की पथरी (Urinary tract stones)
- न्यूमोनिया (Pneumonia)
- प्रोस्टेटाइटिस (Prostatitis)
- परजीवी (Parasites)
- स्व - प्रतिरक्षित रोग (Autoimmune diseases)
- पॉलीसिस्टिक किडनी रोग (Polycystic kidney disease)
- मूत्र पथ में ट्यूमर (Tumour in the urinary tract)
- एस्पिरिन और इबुप्रोफेन जैसी नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाओं (एनएसएआईडी-NSAID) का सेवन (Consumption of nonsteroidal anti-inflammatory drugs (NSAIDs) like aspirin and ibuprofen)
- पेनिसिलिन एंटीबायोटिक्स (Penicillin antibiotics)
- डायूरेटिक (Diuretics)
- ओमेप्राज़ोल जैसे प्रोटॉन पंप अवरोधक हैं। (Proton pump inhibitors like omeprazole)
आपको मवाद कोशिकाओं के लिए मूत्र परीक्षण कब करवाना चाहिए? (When Should You Get Pus Cells in a Urine Test Done in Hindi?)
मूत्र में मवाद कोशिकाएं मूत्र पथ के संक्रमण(Urinary Tract Infection) जैसे संक्रमण साधारण मामलों या सेप्सिस (Sepsis) या अन्य स्वास्थ्य स्थितियों (Other Health Conditions) जैसे संक्रमण गंभीर मामलों के कारण हो सकती हैं। इसलिए, यदि आप नीचे दिए गए लक्षणों का अनुभव करते हैं, तो आपको तुरंत अपना मूत्र परीक्षण (Urine Test) करवाना चाहिए:
- बादलयुक्त मूत्र का (cloudy urine)
- मूत्र की बनावट या रंग में परिवर्तन (Change in texture or colour of the urine)
- पेशाब की आवृत्ति में वृद्धि (Frequent urination)
- मूत्र में रक्त की उपस्थिति (Presence of blood in urine)
- पेशाब करते समय जलन होना (Burning urination)
- पेल्विक क्षेत्र में दर्द (Pelvic region Pain)
- पेशाब का निकलना जिसमें दुर्गंध हो (Foul Smelling urine)
- बुखार (Fever)
- पेट में दर्द (Pain in the abdominal region)
- सांस लेने में कठिनाई (Shortness of breath)
- योनि से असामान्य स्राव (Abnormal discharge from the vagina)
- उल्टी या मतली (Vomiting or nausea)
मूत्र में मवाद कोशिकाओं का उपचार (Treatment for Puss Cells in Urine in Hindi)
मूत्र में मवाद कोशिकाओं की उपस्थिति के लिए पर्याप्त मूत्र स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए शीघ्र निदान (Quick Diagnosis), समय पर उपचार (Timely Treatment) और प्रभावी प्रबंधन (Preventive Measures) की आवश्यकता होती है। कुछ उपचार उपाय नीचे उल्लिखित हैं-
- जीवाणु संक्रमण के लिए एंटीबायोटिक्स (Antibiotics for bacterial infections)
- फंगल संक्रमण के लिए एंटिफंगल दवाएं (Antifungal medications for fungal infections)
मूत्र में पूस कोशिकाओं की रोकथाम (Preventive measures for Pus cells in urine)
- अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रहना (Staying well-hydrated)
- अच्छी व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखना (Maintaining good personal hygiene)
- जलन पैदा करने वाली चीजों से बचना (Avoiding irritants) (जैसे कि कठोर साबुन (harsh soaps), डूश (douches) और जननांग क्षेत्र (genital area) में सुगंधित उत्पाद(scented products ))
- संभावित एलर्जी से बचें (Avoid allergens)
सर्वोत्तम मूत्र स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए उचित निदान, मार्गदर्शन और व्यक्तिगत उपचार के लिए एक पेशेवर परामर्श आवश्यक है।
पाइयूरिया का निदान कैसे करें? (How to Diagnose Pyuria in Hindi?)
मूत्र में मवाद कोशिकाओं को निर्धारित करने के लिए नैदानिक प्रक्रियाएं महत्वपूर्ण हैं।
- मवाद कोशिकाएं मूत्र परीक्षण / मूत्र विश्लेषण (Pus cells urine test / Urine Analysis) - यह मूत्र में मवाद कोशिकाओं का निदान करने का पहला कदम है। इसमें मौजूद मवाद कोशिकाओं की संख्या निर्धारित करने के लिए माइक्रोस्कोप के इस्तेमाल से मूत्र के नमूने की जांच करना शामिल है।
- यूरिन कल्चर (Urine Culture) - जीवाणु संक्रमण (Bacterial Infection) के लिए, संक्रमण पैदा करने वाले विशिष्ट प्रकार के जीवाणुओं की पहचान करना।
अंतर्निहित कारणों की पहचान के लिए अतिरिक्त परीक्षण
कुछ मामलों में, मूत्र में मवाद कोशिकाओं की उपस्थिति साधारण मूत्र पथ के संक्रमण के अलावा किसी अन्य अंतर्निहित स्थिति का संकेत हो सकती है। कुछ अतिरिक्त परीक्षण हो सकते हैं
- अल्ट्रासाउंड (Ultrasound)
- संपूर्ण रक्त गणना परीक्षण (Complete Blood Count Test)
- किडनी फंक्शन टेस्ट, आदि। (Kidney Function Test - KFT, etc)
निष्कर्ष
मूत्र में मवाद कोशिकाएं मूत्र पथ संक्रमण (यूटीआई-UTI) की उपस्थिति का संकेत देती हैं जिसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। यदि आपको पेशाब के दौरान जलन (Burning sensation on urination) हो रही है या बार-बार पेशाब (Frequent urination) आने की समस्या हो रही है तो आपको मूत्र परीक्षण अवश्य कराना चाहिए। अब हम मूत्र में मवाद कोशिकाओं की सामान्य सीमा, और मूत्र में मवाद कोशिकाओं के कारणों और इसके लक्षणों से अवगत हैं। अब आप जान गए हैं कि आपको मूत्र परीक्षण कब करवाना चाहिए।
पस सेल से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
मूत्र में मवाद कोशिकाओं को कैसे कम करें? (How to reduce pus cells in urine in hindi?)
- मूत्र में मवाद कोशिकाओं की संख्या को प्राकृतिक तरीकों से कम किया जा सकता है (Natural ways to reduce puss cells in urine in hindi)
- खुद को हाइड्रेटेड रखें (Keep yourself hydrated)
- क्रैनबेरी जूस और ग्रीन टी का अर्क भी मवाद कोशिकाओं की संख्या को कम करने में मदद कर सकता है (Consume cranberry juice and green tea)
- क्षेत्र पर गीला गर्म सेक लगाना (Apply wet warm compress to the area)
- एस्पिरिन जैसी दर्द निवारक दवाएं (Painkillers like aspirin)
मूत्र में मवाद कोशिकाएं क्या दर्शाती हैं? (What do pus cells in urine indicate?)
आपके मूत्र में मवाद कोशिकाओं की उपस्थिति मूत्र पथ के संक्रमण (यूटीआई-UTI) और सेप्सिस (Sepsis)जैसे गंभीर मामलों का संकेत दे सकती है।
पायरिया की जांच कैसे करें? (How to test for Pyuria?)
मूत्र नमूना विश्लेषण पायरिया (Urine Sample Analysis) के लिए सबसे सटीक परीक्षण है। इस परीक्षण में ताजे मूत्र के नमूनों में ल्यूकोसाइट्स (Leukocytes count) की संख्या की गणना की जाती है। आप अपना टेस्ट गणेश डायग्नोस्टिक्स एंड इमेजिंग सेंटर (Ganesh Diagnostics and Imaging Center) पर आसानी से करा सकते हैं।
क्या मूत्र में मवाद कोशिकाएं किसी संक्रमण का चेतावनी संकेत हैं? (Are Pus Cells in urine a warning sign of an Infection?)
आम तौर पर, मूत्र में मवाद कोशिकाएं अलार्म का कारण नहीं होती हैं। हालाँकि, डॉक्टर की राय लेना अच्छा है। यदि कोई संक्रमण है तो उसका इलाज उसी के अनुसार किया जा सकता है। मवाद का मुख्य घटक मृत श्वेत रक्त कोशिकाएं (Dead Ehite Blood Cells) हैं, इसमें मृत न्यूट्रोफिल (Neutrophils) जैसे अन्य अवशेष भी होते हैं, जो जीवाणु संक्रमण (Bacterial Infection) का संकेत देते हैं। मूत्र में मवाद कोशिकाओं की उपस्थिति मूत्र पथ के संक्रमण का एक चेतावनी संकेत हो सकती है जो आमतौर पर एक गंभीर स्थिति नहीं है, लेकिन यह दर्द (Pain) और बुखार (Fever) का कारण बन सकती है, यह मूत्र में महत्वपूर्ण संख्या में मवाद कोशिकाओं को प्रकट कर सकती है जो संक्रमण की अधिक संभावना का संकेत देती है। इस स्थिति को पाइयूरिया (Pyuria) के नाम से जाना जाता है।