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रक्त में बिलीरुबिन का सामान्य स्तर: परीक्षण का उद्देश्य और कारण

रक्त में बिलीरुबिन का सामान्य स्तर: परीक्षण का उद्देश्य और कारण

आपके स्वस्थ रहने में, आपके लीवर के स्वास्थ्य में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है।...

आपके स्वस्थ रहने में, आपके लीवर के स्वास्थ्य में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। क्षतिग्रस्त लिवर की समस्याओं के लिए संकेतक या संकेत, बिलीरुबिन (Bilirubin) में से एक है, बिलीरुबिन की स्थिति और मूत्र ( Bilirubin in Urine) में बिलीरुबिन की वजह से ही आपका कोई रंग आता है।

बिलीरुबिन पित्त (yellow) रंग का पदार्थ है जो नमूने में मौजूद बाइल फ्लूइड में ही पाया जाता है जिसे (पित्त) कहा जाता है। यह हमारे बोन मेरो ( Bone Marrow) के सेल (cell) में ही निर्मित होता है और जो आपके लाल रक्त (RBC) के नुकसान का कारण भी बन सकता है। जो आपका बिलीरुबिन है, उसकी भूमिका भोजन के पाचन में भी सहायता करती है। आपका लीवर आपके रक्त से भी बिलीरुबिन ले जाता है और आपके Chemical मेकअप में भी बदलाव करता है और यह आपके मल के माध्यम से भी बाहर निकल जाता है, जिससे बाद में आपके मल का रंग पीला हो जाता है।

जानिए बिलीरुबिन टेस्ट और उसका सामान्य स्तर क्या हैं?

किसी भी व्यक्ति में असंयुग्मित (असंयुग्मित)और आपका संयुग्मित(संयुग्मित) बिलीरुबिन की मात्रा को मापने के उद्देश्य से बिलीरुबिन परीक्षण का उपयोग किया जाएगा। एनीमिया जैसे, आदि कई स्वास्थ्य समस्याओं के कारण का पता लगाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण पैरामीटर ( Parameter) और संकेत है।

देखा गया है कि रोगी में बिलीरुबिन के स्तर की जांच के लिए रक्त, एमनियोटिक द्रव और यूरिन का परीक्षण किया जाता है। ये बिलीरुबिन का एक उच्च स्तर और लाल रक्त रसायन (RBC) के असामान्य रूप से प्रभाव (Hemolysis) या प्रारंभिक के अनुचित कार्यात्मकता आदि का संकेत है।

बिलीरुबिन सामान्य स्तर

बिलीरुबिन का सामान्य स्तर लगभग 0.2 – 1.2 mg/dL के बीच होता है। जब आपका अवलोकन खराब हो जाए, तब बिलीरुबिन रक्त में भी लाइक हो सकता है, और इससे भी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं बन जाएंगी। कभी-कभी, यह आपके यूरिन के माध्यम से भी बाहर निकल जाता है और इसके अधिक मात्रा से यूरिन का रंग काला कर देता है।

बिलीरुबिन के प्रकार

स्तर (Range)

कुल बिलीरुबिन (Total Bilirubin)

0.0-1.4 mg/dl and 1.7-20.5 mcmol/L

डायरेक्ट बिलीरुबिन

0.0-0/.3 mg/dl and 1.7-5.1 mcmol/L

इनडायरेक्ट बिलीरुबिन

0.2-1.2 mg/dl and 3.4-20.5 mcmol/L

 

बिलीरुबिन परीक्षण का उद्देश्य

बिलीरुबिन टेस्ट का प्रमुख उद्देश्य बच्चों या विस्को में लिवर या पिट की भी नली से जुड़ी हुई लिवर का उम्र का निदान करना हो सकता है। निम्नलिखित अन्य उद्देश्य कुछ प्रकार हैं:

  • पित्त का निकलना
  • लिवर में ब्लॉकेज होना
  • हैपेटाइटिस ( Hepatitis) का शोध करना
  • आरबीसी के आंकड़े ( RBC Test) की जांच करना
  • शरीर में औषधि ( Medicine) के महत्व की पहचान करना और उसको मॉनिटर करना

‌बिलिरुबिन स्तर क्यों बढ़ा हुआ है?

बिलरूबिन का स्तर कई गुणों से बढ़ सकता है। लिवर और पित्त नालिका से जुड़े विकारों पर विशेष नजर बिलरूबिन के स्तर पर अधिक देखा जा सकता है।

इसके कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:

  1. लिवर सम्बंधित कारण

लिवर की बीमारी में पित्त के उत्पादन और प्रवाह में व्यवधान हो सकता है, जिससे शरीर में पित्त के स्तर में वृद्धि हो सकती है। लिवर रोग के कुछ सामान्य कारण जो पित्त के स्तर को बढ़ा सकते हैं उनमें ये शामिल हैं:

  • हेपेटाइटिस
  • पित्त नली बाधा
  • एल्कोहोलिक फैटी लीवर रोग
  • नॉन अल्कोहलिक अल्कोहलिक लिवर रोग

रक्त सम्बंधित कारण

कुछ रक्त के विकार लाल रक्त के भी कैंसर में वृद्धि का कारण बन सकते हैं, जिससे आपके शरीर में बिलीरुबिन का स्तर बढ़ जाता है। बिलीरुबिन के स्तर को आगे बढ़ाया जा सकता है, उनके उदाहरण शामिल हैं, कुछ इस प्रकार है:

  • हीमोलिटिक एनीमिया ( Hemolytic Anemia)
  • सिकल सेल एनीमिया ( Sickle Cell Anemia)
  • थैलेसीमिया रोग ( Thalassemia)

जीवनशैली की समस्या ( Unhealthy Lifestyle)

आपकी जीवन शैली या गलत रेहेन सेहन के करण भी शरीर में पित्त के मूल्य में वृद्धि में योगदान कर सकते हैं। जैसे की

  • गतिहीन जीव ( Limited Body Movt.)
  • अधिक मोटापा
  • गलत आहार
  • कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) कम करने वाली दवा

डायरेक्ट और इनडायरेक्ट बिलीरुबिन के बीच अंतर

इनडायरेक्ट बिलीरुबिन में बदलाव होने से डायरेक्ट बिलीरुबिन बनता है।

इनडायरेक्ट इसके बिलीरुबिन का सहसंयोजक बंधन ( Covalent Bond) बिलीरुबिन की विषाक्तता को कम करने और घुलनशीलता (Solubility) को बढ़ाने के लिए किया गया है। उसकी इस प्रक्रिया में बिलीरुबिन का उत्सर्जन को बढ़ाना भी काफी आसान होता है। जब कि जो असंबद्ध (Unconjugated Bilirubin) या फ़िर इनडायरेक्ट बिलीरुबिन ( Indirect Bilirubin) का हीमोग्लोबिन के टूटने से भी मिलने वाला इमीडिएट प्रोडक्ट्स बन जाता है।

यह लिपिड घुलनशीलता ( Lipid Solubility)  है और इसे लिपोफिलिक ( Lipophilic) के रूप में जाना जाता है। यह आपके पानी में भी सुपरमार्केट नहीं देता है, इस प्रकार यह आपका Hydrophobic फ़ो प्रतिबंध है। यह आपके प्लाज्मा मेम्ब्रेन ( Plasma Membrane) को आसानी से पार करना जानता है

बिलीरुबिन का खतरनाक स्तर क्या माना जाता है?

5% के बिलीरुबिन मान को आम तौर पर खतरनाक वाला स्तर माना जा सकता है और इसे समझने के लिए सही तरीकों से आकलन किया जाना चाहिए। मरीज़ की बांह की नस से रक्त की कुछ मात्रा निकाली जाती है, और यह रक्त एक साइट पर स्टोर होता है। नवजात शिशु में, एड़ी की भी त्वचा का उपयोग किया जाता है, रक्त लेने के लिए।

बिलीरुबिन टेस्ट कब करवाया जाता है  (Serum Bilirubin In Hindi)

जब सीरम या रक्त में बिलीरुबिन की मात्रा अधिक हो जाती है तो शरीर में कई प्रकार के लक्षण सामने आते हैं। ऐसे में यदि निम्न लक्षण दिखाई देते हैं तो आप हमारे डॉक्टर से भी संपर्क कर सकते हैं जो बिलीरूबिन टेस्ट सर्जरी की सलाह दे सकते हैं:

  • आँखों में पीलापन
  • पेट का मुख्य दर्द
  • भूख ना लग पाना
  • उल्टी होना
  • थकान होना

अपना बिलीरुबिन ब्लड टेस्ट गणेश डायग्नोस्टिक एंड इमेजिंग सेंटर में कैसे करवाएं?

गणेश डायग्नोस्टिक एंड इमेजिंग सेंटर 23 सालों से मरीजों की सहायता और उनकी ज़रूरतों को समझे टेस्ट करवाते हैं। दिल्ली में सर्वश्रेष्ठ सीबीसी परीक्षण केंद्र हैंI हमारे 7 सेंटर दिल्ली-एनसीआर में हैंI

  • हम काफ़ी सारी सुविधाएं ऑफर करते हैं, जैसे:
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  • घर के पास टेस्ट सुविधा

For Free Consultation from the Doctor

Contact- Dr. Sonal Sharma, (MBBS, MD in Pathology)

Available:  24*7*366

Phone Number: +91-9212125996

निदान

किसी भी अधिक जानकारी के लिए आप हमसे संपर्क कर सकते हैं हमारे ईमेल आईडी और फोन नंबर जो वेबसाइट पर उपलब्ध हैं! संपर्क करें!

कुछ विशेष रक्त परीक्षण जो हमारे सेंटर पर एड्स जाँच के लिए कराए जाते हैं, कुछ इस प्रकार है।

निष्कर्ष

बिलीरुबिन टेस्ट गणेश डायग्नोस्टिक में कराने के लिए, रोगियों को पहले कई घंटों तक उपवास करने के लिए कहा जाता है। उन्हें यह सलाह दी जाती है कि वर्कआउट न करें क्योंकि इससे आमतौर पर बिलीरुबिन का स्तर भी बढ़ता है। इसके अलावा, कैफीन, और पेन्सिलिन जैसी औषधियों का भी परीक्षण पहले नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि वे आपके बिलीरुबिन के स्तर को कम भी कर सकते हैं। आप बिलीरुबिन का टेस्ट कराएं हमारे सेंटर में और इसके उपचार के लिए आज ही सलाह लें ।